Post Office Recurring Deposit Scheme: हर दिन की जिंदगी में आमदनी भले ही सीमित हो, लेकिन ख्वाहिशें कभी कम नहीं होतीं। घर चलाना, बच्चों की पढ़ाई, भविष्य की तैयारी और कभी-कभी कोई जरूरी medical emergency इन सबके लिए अगर जेब में कुछ जमा ना हो, तो हालात मुश्किल हो जाते हैं। यही वजह है कि छोटे-छोटे कदमों से saving की आदत डालना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर आप महीने में सिर्फ ₹500 से ₹10,000 तक की छोटी रकम बचा सकते हैं, तो Post Office की Recurring Deposit (RD) Yojana एक ऐसा Option है जो आपकी मेहनत की कमाई को धीरे-धीरे बड़ा बनाता है। इस योजना में हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा कर आप एक मजबूत foundation बना सकते हैं अपने आने वाले समय के लिए। इस लेख में हम जानेंगे कि अगर आप ₹500, ₹1000, ₹3000, ₹5000 या ₹10,000 जैसी मामूली राशि भी हर महीने जमा करते हैं, तो 5 साल में आपको कितना return मिलेगा और ये सब हम बिल्कुल सटीक कैलकुलेशन के साथ बताएंगे।
Post Office RD में कितना ब्याज मिलता है और योजना कितने साल की होती है?
पोस्ट ऑफिस की यह योजना उन लोगों के लिए सबसे बढ़िया मानी जाती है जो नियमित income पर निर्भर रहते हैं और बड़ी saving एक बार में नहीं कर सकते। RD योजना में फिलहाल 6.7% सालाना की ब्याज दर मिल रही है, जो तिमाही के आधार पर कंपाउंड होती है। यह ब्याज दर सरकार द्वारा तय की जाती है और पूरी तरह सुरक्षित होती है। इस स्कीम की अवधि 5 साल यानी 60 महीने की होती है, जिसमें आप हर महीने एक तय राशि जमा करते हैं। इसके बाद मैच्योरिटी पर आपको आपकी जमा पूंजी के साथ अच्छा खासा ब्याज भी मिलता है।
₹500 से ₹10,000 तक हर महीने जमा करने पर 5 साल बाद कितना मिलेगा?
नीचे टेबल में हमनें बिल्कुल असली कैलकुलेशन के आधार पर यह बताया है कि अगर कोई व्यक्ति हर महीने ₹500, ₹1000, ₹3000, ₹5000 या ₹10,000 जमा करता है, तो पांच साल बाद उसे कितनी रकम मिलेगी।
मासिक जमा राशि | कुल जमा (5 साल) | ब्याज दर | मैच्योरिटी राशि (5 साल बाद) |
---|---|---|---|
₹500 | ₹30,000 | 6.7% | ₹35,070 |
₹1000 | ₹60,000 | 6.7% | ₹70,140 |
₹3000 | ₹1,80,000 | 6.7% | ₹2,10,420 |
₹5000 | ₹3,00,000 | 6.7% | ₹3,50,700 |
₹10,000 | ₹6,00,000 | 6.7% | ₹7,01,400 |
ऊपर दी गई कैलकुलेशन से साफ है कि छोटी-छोटी saving भी समय के साथ बड़ा रूप ले लेती है। और जब ये पैसा किसी emergency के समय काम आता है, तब उसकी असली अहमियत समझ में आती है।
RD योजना क्यों है छोटे लोगों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प?
जब बात छोटे तबके की होती है, तो उनका पहला सवाल यही होता है क्या मेरा पैसा सुरक्षित रहेगा? पोस्ट ऑफिस की योजनाएं भारत सरकार द्वारा चलाई जाती हैं, और RD योजना भी उन्हीं में से एक है। यानी यहां ना कोई risk है और ना ही किसी तरह का डर। इस योजना में investment करना उतना ही आसान है जितना रोज़ दूध लेना। बस हर महीने एक तय राशि पोस्ट ऑफिस में जमा करानी होती है। और सबसे खास बात अगर बीच में कोई मजबूरी आ जाए और आप कुछ समय तक जमा नहीं कर पाएं, तो भी इस योजना में grace period का विकल्प दिया गया है।
बहुत से लोग saving करने के लिए gold या किसी और Asset पर निर्भर रहते हैं, लेकिन वहां Market risk जुड़ा होता है। RD योजना में ऐसा कोई जोखिम नहीं होता। साथ ही, अगर जरूरत पड़ी तो आप इस जमा राशि पर loan भी ले सकते हैं, जिससे आपको किसी और जगह से उधार लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अब समय है शुरुआत करने का
कभी-कभी इंसान सोचता है कि अभी नहीं, अगले महीने से शुरू करूंगा। लेकिन सच्चाई ये है कि समय कभी वापस नहीं आता। आज अगर आपने ₹500 भी जमा किया है, तो वो आने वाले दिनों में आपको एक बड़ी राहत देगा। Post Office की RD Yojana उन लोगों के लिए है जो धीरे-धीरे, लेकिन पक्का investment करना चाहते हैं। इसमें कोई चालाकी, कोई confusion नहीं है। बस आप हर महीने saving करते रहें और समय आने पर उसका फल खुद देखें। अगर आप अपनी जिंदगी को थोड़ी financial मजबूती देना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए एक शानदार शुरुआत हो सकती है।
निष्कर्ष
छोटी saving, बड़ी राहत यही है Post Office की RD योजना की असली ताकत। जब आप हर महीने ₹500 से ₹10,000 तक की छोटी रकम बचाते हैं, तो आप सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि अपने भविष्य की सुरक्षा बना रहे होते हैं। यह योजना न तो जटिल है, न ही जोखिम भरी – सिर्फ एक छोटा सा संकल्प चाहिए और आपकी जिंदगी बदल सकती है। पांच साल की इस यात्रा के अंत में जब आप मैच्योरिटी की रकम देखेंगे, तो आपको खुद पर गर्व होगा कि आपने वक्त रहते सही फैसला लिया।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी वेबसाइट और मौजूदा ब्याज दरों के आधार पर तैयार की गई है, जो समय के अनुसार बदल सकती है। निवेश से पहले अपने नजदीकी डाकघर या किसी अधिकृत वित्तीय सलाहकार से पूरी जानकारी लेना जरूरी है। ऊपर दिए गए आंकड़े सिर्फ एक उदाहरण हैं, आपके व्यक्तिगत निवेश और ब्याज के अनुसार अंतिम राशि थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है।